A Review Of Shiv chaisa

हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥

In spite of 1’s social status or authority, By reciting this, they attain purity and victory. Even those people who are childless and craving for desires, Will certainly get blessings through the grace of Lord Shiva.

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। shiv chalisa lyricsl अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन shiv chalisa lyricsl के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

On Trayodashi (thirteenth working day of your dark and shiny fortnights) just one really should invite a pandit and devotely make choices to Lord Shiva. Individuals who rapidly and pray to Lord Shiva on Trayodashi are often wholesome and prosperous.

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

Chanting of Shiva Chalisa is completed via the devotees as a way to be sure to and get the blessings of their beloved deity – Lord Shiva.

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